आज शुक्रबार अवश्य गर्नुहोस् यो १ काम, घरमा कहिल्यै हुने छैन धनको अभाव

शुक्रबारको दिन लक्ष्मी र सन्तोषी माताको पूजा गर्ने गरिन्छ। जो मानिसमा यी दुई माताको कृपा हुन्छ, उसको जीवनमा कुनै कुराको कमी हुँदैन। यससँगै धन, वैभव र सुख-समृद्धिको आशीर्वाद पनि प्राप्त हुन्छ। यस्तोमा, आउनुहोस् जान्नुहोस् माता लक्ष्मी र सन्तोषी मातालाई प्रसन्न पार्न शुक्रबार के-कस्ता उपाय गर्न सकिन्छ।

माता लक्ष्मीको आरती

‘ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता,  तिम्रो निश दिन सेवत, हर विष्णु विधाता…. ॐ जय लक्ष्मी माता…।। उमा रमा ब्रह्माणी, तिमी नै हौ जग माता, सूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता ॐ जय लक्ष्मी माता…।। दुर्गा रूप निरंजनि, सुख सम्पति दाता जो कोई तिम्रो ध्याता, ऋद्धि सिद्धि धन पाता… ॐ जय लक्ष्मी माता…।। तिमी नै हौ पाताल निवासिनी, तिमी नै हौ शुभ दाता कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की त्राता ॐ जय लक्ष्मी माता…।। जुन घरमा तिम्रो रहती सब सद्गुण आउँछ त्यहाँ सब संभव हुन्छ, मन जति नै बिचलित हुन्छ ॐ जय लक्ष्मी माता…।।’

‘तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता खान पान का वैभव, सब तुमसे आता ॐ जय लक्ष्मी माता…।। शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ॐ जय लक्ष्मी माता…।। महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता उर आनंद समाता, पाप उतर जाता ॐ जय लक्ष्मी माता…।।’

सन्तोषी माताको आरती

जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता। आफ्नो सेवक जन की सुख सम्पति दाता ।। जय संतोषी माता…. सुन्दर चीर सुनहरी मां धारण कीन्हो। हीरा पन्ना दमके तन श्रृंगार लीन्हो ।। जय संतोषी माता… गेरू लाल छटा छबि बदन कमल सोहे। मंद हंसत करुणामयी त्रिभुवन जन मोहे ।। जय संतोषी माता…. स्वर्ण सिंहासन बैठी चंवर दुरे प्यारे। धूप, दीप, मधु, मेवा, भोज धरे न्यारे।। जय संतोषी माता….

गुड़ अरु चना परम प्रिय ता में संतोष कियो। संतोषी कहलाई भक्तन वैभव दियो।। जय संतोषी माता…. शुक्रवार प्रिय मानत आज दिवस सोही। भक्त मंडली छाई कथा सुनत मोही।। जय संतोषी माता…. मंदिर जग मग ज्योति मंगल ध्वनि छाई। बिनय करें हम सेवक चरनन सिर नाई।। जय संतोषी माता…. भक्ति भावमय पूजा अंगीकृत कीजै। जो मन बसे हमारे इच्छित फल दीजै।। जय संतोषी माता…. दुखी दारिद्री रोगी संकट मुक्त किए। बहु धन धान्य भरे घर सुख सौभाग्य दिए।। जय संतोषी माता…. ध्यान धरे जो तेरा वांछित फल पायो। पूजा कथा श्रवण कर घर आनन्द आयो।। जय संतोषी माता….

चरण गहे की लज्जा रखियो जगदम्बे। संकट तू ही निवारे दयामयी अम्बे।। जय संतोषी माता…. सन्तोषी माता की आरती जो कोई जन गावे। रिद्धि सिद्धि सुख सम्पति जी भर के पावे।। जय संतोषी माता….

अर्को समाचार:

भोलिबाट सूर्य ग्रह राशि परिवर्तन गर्दै, यी राशिमा पर्न सक्छ अशुभ प्रभाव !